आप सोच सकते हैं, कि आपका कीमती वोट आप किसी को दें और वो गिना किसी और खाते में जाए. जब बैलेट पेपर से वोटिंग होती थी, उस समय ये समस्या नहीं थी. पर अब ये समस्या जोर पकड़ते जा रही है, लगभग हर चुनाव के बाद ये सुना जाता है, कि हमने तो फलां को वोट दिया था पर हमारे बूथ में उसे जीरो वोट मिले. कम से कम मेरा वोट तो होना था.
उत्तरप्रदेश चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमों ने इसी हवा को गर्म कर दिया है. कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, कि लोग कह रहे हैं, उन्होंने वोट दिया है और वो भाजपा के खाते में गया है. वहीँ यूपी के अलग अलग क्षेत्रों से EVM में गड़बड़ी की खबरे तैर रही हैं. क्या यह संभव है. जी हाँ, यह बिलकुल संभव है. कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन को सेट किया जा सकता है. इसकी संभावना इसलिए भी प्रबल है, क्योंकि कई बड़े और विकसित देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का यह सिस्टम प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिसका उपयोग भारत में किया जाता है.